Saturday, 23 July 2016

How birds mate?


Spring is the breeding season for most birds, but how do birds mate? Coming together in sexual copulation is essential to fertilize eggs to raise young birds, but the sex act is only a brief part of birds' courtship and pair bonds.

The Reproductive Anatomy of Birds
Most birds do not have the same reproductive body parts as mammals. Instead, both male and female birds have a cloaca – one opening (also called the vent) that serves as the bodily exit for their digestive, urinary and reproductive systems.

This means that the same opening that excretes feces and urine is where eggs are laid. During the breeding season, the cloaca swells and protrudes slightly outside the body, while during the rest of the year it is much less prominent.

Saturday, 2 July 2016

क्या होता है बादल फटना, क्यों और कब-कब हुई ऐसी बड़ी घटनाएं?


अक्सर आपने सुना होगा कि फलां जगह पर बादल फट गया जिससें भारी तबाही मची और बड़ी तादात में जान-माल का नुकसान हुआ है। लेकिन बादल फटने का मतलब ये नहीं कि वास्तव में बादल में फट जाता है, इसका सीधा सा मतलब है कि बारिश का चरम रूप यानि सबसे अधिक मूसलाधार वर्षा होना। इस दौरान होने वाली बारिश से बहुत तेज गति से इतना ज्यादा पानी बरसता है कि बाढ़ की स्थित पैदा हो जाती है। हालांकि कई लोग इसे दैवीय प्रकोप मान लेते हैं, लेकिन ऐसा होने के पीछे विज्ञान के कुछ कारण होते हैं।


हम आपको बता दें कि बारिश भी बादलों की स्थिति के अनुसार होती है। बादल फटने अथवा जबरदस्त पानी बरसाने वाली वर्षा की घटना अमूमन पृथ्वी से लगभग 14 किलोमीटर की ऊंचाई पर घटती है। बादल फटने की घटना के दौरान होने वाली वर्षा लगभग 100 मिलीमीटर प्रतिघंटे की दर से होती है। फलस्वरूप कुछ ही देर में 2 सेंटीमीटर से अधिक बरसात हो जाती है, जिसका मतलब होता है बहुत ही अधिक मात्रा में पानी बरस जाना।


बादल फटने की घटना के पीछे दो कारण होते हैं-

1. बादलों के मार्ग में अवरोध आ जाना-
मौसम विज्ञान के मुताबिक जब बादल अत्याधिक मात्रा में आद्रता यानि पानी लेकर उड़ते हैं उस समय उनके मार्ग में यदि कोई बाधा आ जाती है तो वो फट पड़ते हैं यानि उनमें संघनन बहुत तेज गति से होता है। इसके फलस्वरूप उस स्थान पर अत्यधिक मात्रा में पानी बरस जाता है। उदाहरण के लिए हर साल मानसून के समय बादल जब उत्तर दिशा की ओर बढ़ते हैं तो उसके मार्ग में हिमालय पर्वत एक बड़े अवरोधक के रूप में सामने आता है।

2. गर्म हवा से टकराने पर भी फट पड़ते हैं बादल-
बादल आद्रता लेकर अपने मार्ग पर उड़ते रहते है और अचानक से कोई गर्म हवा का झोंका उनसे टकरा जाता है तो वो फट पड़ते हैं यानि अत्याधिक मात्रा में पानी बरस जाता है। गौरतलब है कि 26 जुलाई 2004 को मुम्बई में बादल फटने की घटना इसी वजह से हुई थी।

दुनिया में हुई बादल फटने की प्रमुख घटनाएं

-16-17 जून 2013 को केदारनाथ में बादल फट पड़े थे। उस दौरान हुई 10 और 15 मिनट तेज बारिश से भारी मात्रा में जान-माल का नुकसान हुआ।
-6 अगस्त 2010 को जम्मू और कश्मीर के लेह में बादल फटे थे। उस समय 1 मिनट बारिश में 1.9 इंच पानी बरस गया था।
-26 नवंबर 1970 को हिचाचल प्रदेश के बरोत में बादल फटे थे। उस दौरान हुई 1 मिनट तेज बारिश में 1.5 पानी बरसा था।
-29 नवंबर 1911 को पोर्ट बेल्स, पानामा में भी बादल फटे थे। उस दौरान हुई 5 मिनट बारिश में 2.43 इंच पानी बरस गया था।
-12 मई 1916 को प्लम्ब प्वॉइंट, जमैका में बदल फटे थे। उस दौरान हुई 15 मिनट बारिश में 7.8 इंच पानी बरस पड़ा था।
-7 जुलाई 1947 को कर्टी-दे-आर्गस, रोमानिया में बदल फटे थे। उस समय हुई 20 मिनट बारिश में 8.1 इंच पानी बरसा था।
-24 अगस्त 1906 को अमरीका के वर्जीनिया प्रांत के गिनी में बादल फटे थे। इस दौरान सबसे अधिक 40 मिनट बरसात हुई जिसमें 9.25 इंच पानी बरसा था जिससे भारी तबाही हुई थी।