Saturday, 5 September 2015

तांत्रिकों के काले जादू की सच्चाई!


तांत्रिकों के काले जादू की सच्चाई!

आज भी कई ऐसे लोग हैं जो काला जादू, तंत्रमंत्र जैसे अंधविश्वासों में आसानी से फंस जाते हैं और तांत्रिकों के हाथों का खिलौना बने रहते हैं।
नींबू से खून निकालना, चढ़ावे के नारियल में अचानक से आग धधकने लगना, कपड़े पर लाल रंग का पंजा बन जाना जैसी हरकतें कर तांत्रिक मासूमों के सामने चकाचौंध पैदा कर देते हैं और लोग इस छलावे में आ जाते हैं।
जबकि असलियत यह है कि इन सब गतिविधियों के पीछे विज्ञान की एक दुनिया चलती है। कुछ केमिकल रिएक्शन और हाथ की सफाई की मदद से तांत्रिक लोगों को अपने शिकंजे में आसानी से लेते हैं। हमारी कोशिश लोगों को इसकी सही जानकारी देने की है ताकि वे डर के साए से निकल सकें।
तंत्रों के पीछे क्या है विज्ञान :
1.) नीबू में पहले ही मिथेन रेड व ऑरेंज का इंजेक्शन दिया जाता है और जैसे ही नीबू का एसिड इस केमिकल के संपर्क में आता है यह लाल रंग का हो जाता है। काटने पर यह खून जैसा दिखता है।
2.) एक बाउल में एनएओएच (सोडियम हाइड्रोक्साइड लिक्विड) पहले से रखा होता है जिसे तांत्रिक जादुई जल कहते हैं। इसके साथ ही टर्मरिक क्लॉथ रखा होता है। तांत्रिक यह दावा करते हैं कि यदि जीवन में किसी आत्मा का प्रकोप होगा तो इस जल को छूने और इस कपड़े पर हाथ रखने पर खून के धब्बे हो जाएंगे। जबकि एनएओएच का टर्मरिक के साथ संपर्क होने पर वह लाल रंग का हो जाता है।
3.) इसी तरह तंत्र में प्रयोग होने वाले नारियल में पहले ही सोडियम मेटल डाले जाते हैं और जैसे ही इस पर पानी का छिड़काव होता है यह रिएक्शन कर आग बन जाता है।



By:- Dr Rakesh Punj
http://punjvardanproduction.blogspot.in/2013/02/blog-post_3139.html?m=1

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